- पता नहीं किसी ने वयोवृद्ध नेता हरबंस कपूर को राखी बांधी या नहीं?
चुनावी साल में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। नेताओं को राखी बांधने का तांता लगा है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और कांग्रेसी नेता सूर्यकांत धस्माना ने अभी से राखियां बंधवानी शुरू कर दी है। पहले चरण में सूर्यकांत धस्माना के हाथों ने बाजी मार ली है। वहीं, गणेश जोशी भी राखी बंधवाने के होड़ में पूरा जोर लगा रहे हैं। इस खेल में सबसे पिछड़े नजर आ रहे हैं हरबंस कपूर। सब मान कर चल रहे हैं कि कपूर में अब राजनीति दम नहीं रहा। उम्र साथ नहीं देगी। हर बार ऐसा ही होता है कि यह हरबंस कपूर का आखिरी चुनाव है। लेकिन चुनाव के समय हरबंस सबसे आगे आ जाते हैं।
दरअसल, राखी का यह खेल चुनावी गणित को लेकर है। इस बार कैंट विधानसभा सीट से गणेश जोशी के चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। मसूरी सीट पर वो अपनी बेटी नेहा को उतारने की जुगत में हैं। इधर, सूर्यकांत धस्माना पिछले 20 साल में हर चुनाव हार जाते हैं। इस बार एंटी इनकंबैंसी फेक्टर चल गया तो धस्माना की नाव क्या पता किनारे लग जाएं। बस, यही सोच कर राखी-राखी का त्योहार चल रहा है।
इस होड़ का स्वागत होना चाहिए बशर्ते नेता लोग महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना रखें और महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हों। महिलाओं को भी विकास के अवसर मिले और सत्ता में उनको भी भागीदारी का पूरा मौका दें। टिकट देते समय यह कहकर कि महिला है जीत नहीं सकेगी, टिकट न काटे। रक्षा सूत्र बंधवाते समय यही बचन दे दें भाई।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]
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