साउथम्पटन, 23 जून। न्यूजीलैंड ने अपने दो सबसे अनुभवी बल्लेबाजों रोस टेलर और कप्तान केन विलियमसन की प्रतिबद्ध पारियों से भारत को बुधवार को यहां आठ विकेट से हराकर पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का खिताब जीता। फाइनल में न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम को आठ विकेट से शिकस्त दी। जीत के लिए मिले 139 रन के लक्ष्य को न्यूजीलैंड ने दो विकेट खोकर कप्तान केन विलियमसन (52) और रोस टेलर (47) की शानदार पारियों के बूते हासिल कर लिया। इसके साथ ही वह वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीतने वाली पहली टीम भी बन गई। साथ ही नॉकआउट मैचों में भारत के खिलाफ उसका शानदार प्रदर्शन जारी है। दो साल पहले 2019 के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भी भारतीय टीम न्यूजीलैंड से ही हारी थी। न्यूजीलैंड ने करीब 21 साल बाद फिर से आईसीसी टूर्नामेंट जीता है। उसने साल 2000 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। तब भी उसने फाइनल में भारत को ही हराया था।
भारत ने सुबह दो विकेट पर 64 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन जेमिसन ने कोहली और पुजारा को आउट करके दबाव बना दिया। जेमिसन की ऑफ स्टंप से बाहर जाती अतिरिक्त उछाल वाली गेंद पर भारतीय कप्तान ने वाटलिंग को आसान कैच थमाया। पुजारा फिर से यह तय करके क्रीज पर उतरे थे कि उन्हें रन नहीं बनाने हैं। उन्होंने रन बनाने के इरादे भी नहीं दिखाए। दबाव भी था और ऐसे में जेमिसन की कोण लेती गेंद से पुजारा अपना बल्ला हटाना चाहते थे लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाये और रोस टेलर को आसान कैच दे बैठे। रहाणे ने पंत के साथ 37 रन जोड़े। इसमें बायें हाथ के बल्लेबाज पंत का योगदान अधिक रहा। रहाणे ने इसके बाद ट्रेंट बोल्ट (37 रन देकर एक विकेट) की गेंद को फ्लिक करने के प्रयास में विकेट के पीछे कैच दिया।
भारतीय टीम कम से कम 200 रन बनाकर न्यूजीलैंड के सामने मुश्किल लक्ष्य रखना चाहती थी लेकिन टिम साउदी (48 रन देकर चार), ट्रेंट बोल्ट (39 रन देकर तीन) और काइल जेमिसन (30 रन देकर दो) ने शुरू से बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा। भारत की तरफ से ऋषभ पंत (88 गेंदों पर 41 रन) ने सर्वाधिक रन बनाए। रोहित शर्मा (30) और शुभमन गिल (आठ) की सलामी जोड़ी के कल शाम को पवेलियन लौटने के बाद भारत ने अपने तीनों भरोसेमंद बल्लेबाजों कप्तान विराट कोहली (29 गेंदों पर 13 रन), चेतेश्वर पुजारा (80 गेंदों पर 15 रन) को और उप कप्तान अंजिक्य रहाणे (40 गेंदों पर भी 15) के विकेट सुबह के सत्र में ही गंवा दिए।
ऐसे में पंत ने जिम्मेदारी संभाली लेकिन उनका लक्ष्य हर गेंद पर शॉट जमाना था जो कि अनुशासित गेंदबाजी के सामने संभव नहीं था। उन्होंने अपनी पारी में चार चौके लगाए। वह आखिर में बोल्ट की गेंद को सीमा रेखा पार भेजने के प्रयास में हवा में लहरा गये और हेनरी निकल्स ने लंबी दौड़ लगाकर उसे कैच में बदल दिया। बोल्ट ने इसी ओवर में रविचंद्रन अश्विन (सात) को स्लिप में कैच कराया जबकि साउदी ने शमी (13) और जसप्रीत बुमराह को एक ओवर में आउट करके भारतीय पारी का अंत किया। भारत ने इससे पहले दूसरे सत्र के शुरू में रवींद्र जडेजा (13) का विकेट गंवाया था जिन्हें नील वैगनर (44 रन देकर एक) ने बीजे वाटलिंग के हाथों कैच कराया जो उंगली में चोट के बावजूद अपने आखिरी मैच में मैदान पर उतरे थे।
139 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए कीवी टीम ने शुरुआत तो सही की और चाय के ब्रेक तक कोई विकेट नहीं गंवाया। टॉम लाथम और डेवन कॉनवे दोनों ने भारतीय पेस अटैक को अच्छे से झेला। लेकिन ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के मोर्चे पर आने के बाद हालात बदले। अश्विन ने एक ललचाती हुई गेंद पर पहले लाथम का शिकार किया। वे बड़ा शॉट खेलने के लिए क्रीज से निकले और पीछे से ऋषभ पंत ने उन्हें स्टंप कर दिया। लाथम ने नौ रन बनाए। कुछ देर बाद कॉनवे को भी अश्विन ने रवाना कर दिया। वे 19 रन बनाकर एलबीडब्ल्यू हो गए। इसके बाद रोस टेलर और कप्तान केन विलियमसन ने टीम को कोई और झटका नहीं लगने दिया और मैच को जीत लिया।
(साभारः एजेंसी)
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