संसद के दोनों सदनों में कृषि-कानून उतनी ही जल्दी वापिस ले लिये गए, जितनी जल्दी वे लाये गए थे। लाते वक्त भी उन पर आवश्यक विचार-विमर्श नहीं हुआ और जाते वक्त भी नहीं। ऐसा क्यों ? ऐसा होना अपने आप में शक पैदा करता है। यह शक पैदा होता है कि इस कानून में कुछ … Continue reading आज किसान-मंथन ज्यादा जरुरी
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