एक्चुएरीअल सांइस ऐसा विज्ञान है, जिसमें गणित और सांख्यिकी की विधियों का प्रयोग कर इंश्योरेंस और फाइनेंस इंडस्ट्री में जोखिम का आंकलन किया जाता है। एक्चुएरीअल पेशेवर अनुमान लागते हैं कि किसी पॉलिसी होल्डर को प्रीमियम के तौर पर कितनी राशि भुगतान करना होगा या किसी कंपनी को पेंशन या रिटर्न पर कितना खर्च करना होगा। इस क्षेत्र से जुड़े हुए बेहतर करियर अवसरों को देखते हुए कई विद्यार्थी एक्चुरिज बनने की इच्छा रखते हैं। पर उन्हें यह नहीं पता होता कि एक्चुरिज बनने के लिए कौन कौन से योग्यता का होना अनिवार्य है? आज इस पोस्ट के माध्यम से हम विद्यार्थियों के ऐसे ही सवालों का जबाव देने का प्रयास कर रहे हैं।
किसी भी एक्चुअरी में अर्थशास्त्री, वित्तीय विश्लेषक और सांिख्यकीविद के गुण होने चाहिए, जो भविष्य में होने वाले आकस्मिक व्यय का आंकलन कर सके साथ ही साथ उसमें हर परिस्थिति का अलग-अलग तरह से विश्लेषण और मूल्यांकन करने की योग्यता, हर पहलू पर विचार करने की कुशलता और कारोबार की अच्छी समझ भी होनी चाहिए।
आवश्यक योग्यता
किसी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड या विश्वविद्यालय से कक्षा 12 वीं की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थी इस क्षेत्र से संबंधित कोर्स कर सकते है। स्नातमक तथा परास्नातक स्तर के वे छात्र जिन्होंने गणित और सांख्यिकी के बारे में अच्छी जानकारीए, वे भी इस क्षेत्र से संबंधित कोर्स कर सकते हैं।
संबंधित कोर्स
इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के इच्छुक व्यक्ति स्नातमक स्तर पर बीएससी (एक्चुरियल साइंस),
इंश्योरेंस और बैंकिंग में बीए (ऑनर्स), बीएससी (एक्चुरियल साइंस और फायनेंसियल मैथेमेटिक्स) तथा परास्नातमक स्तर पर एमएससी (एक्चुरियल साइंस), इंश्योरेंस बिजनेस में मास्टर प्रोग्राम, एक्चुरियल साइंस में एमबीए, एमएससी, स्टैटिसटिक्स (एक्चुरियल) तथा परास्तनातमक डिप्लोमा स्तर पर एक्चुरियल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा जैसे कोर्स कर सकते है।
कहां से करें कोर्स
एक्चुरियल साइंस से संबंधित कोर्स इंस्टीट्यूट ऑफ एक्चुअरिज ऑफ इंडिया, स्कूल ऑफ इश्योरेंस एंड एक्चुरियल साइंस,नोएडा, दिल्ली यूनिवर्सिटी, एनएमआईएमएस यूनिवर्सिटी,मुंबई द नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी, पुणे, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, अमिटी स्कूल ऑफ इंश्योरेंस एंड एक्चुअरियल साइंस नई दिल्ली, आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी, हैदराबाद, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, (इग्नू) जैसे संस्थानों से किए जा सकते हैं।
कितना कमा सकते हैं
इस फील्ड में उच्च वेतन तथा सुरक्षित कैरियर के चलते यह कैरियर लोगों के लिए काफी आकर्षक बना हुआ है। मार्केट में इनकी डिमांड बहुत ज्यादा होती है। जोखिम का आंकलन करने में निपुण होने के कारण हर क्षेत्र में इससे संबंधित पेशेवरों किसी भी उद्योग में कार्य कर सकते हैं। इस क्षेत्र में कार्य करने के वालों को काफी उच्च वेतन का भुगतान किया जाता है। एम फ्रेशर को 3-5 लाख रूपये सालाना सैलरी मिलती है। आगे चलकर 3-5 वर्ष के अनुभव के बाद सालाना लगभग 10-15 लाख रूपये तक कमाए जा सकते हैं। भारत के किसी एक्चुरिज इंस्टीट्यूट के फेलो मेंबर बनने पर तो लगभग 20 से 30 लाख रूपये सालाना कमाया जा सकता है।
[राकेश कुमार शर्मा]
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