न कटाक्ष कर न प्रहार कर न हंसी उड़ा न परिहास कर विश्व संकट का दौर है तू सीमाओं से पार चल गिराने को जो आए पत्थर किनारे रख आगे चल पगडंडियों का काम कर वसुदेव कुटुंबकम् है अगर तो न जातियों से पहचान कर हो जाए सबका भला भव्तु सब् मंगल् वाला काम कर … Continue reading वसुधैव कुटुंबकम्
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