घोर कलियुग की छाया
अपना भी हुआ पराया
बड़े छोटे का मान नहीं
अभिमान है स्वमान नहीं
स्वार्थ की हंडी चढ़ी हुई
बिना स्वार्थ अब बात नहीं
परमात्म को ही भूल गए
खुद को भगवान बताते है
पथभ्रष्ट हुए ऐसे अज्ञानी
रोज कर रहे ऐसी नादानी
परमात्मा उन्हें सद्बुद्धि दो
अहंकार से भी मुक्ति दो।
-श्रीगोपाल नारसन