नफरत में नफा नहीं
प्यार गजब उपहार है
सबका पिता परमात्मा
फिर कैसी तकरार है
भाईचारे में अपनत्व होता
मिलता सबसे प्यार है
हर कोई अपना कहे
सुखमय होता संसार है
रूप रंग से भिन्न मानव
आत्मस्वरूप समान है
परमात्म याद बनी रहे
होता 21 जन्म उद्धार है।
-श्रीगोपाल नारसन