सबके भले की सोचिए सबके भले की सोचिए खुद का भला भी होय सबको ख़ुशी जो बाँटिए अपनी सुखी भी हो जाए परहित के चिंतन से बढ़ता है प्यार अपार जो परहित का काम करे उससे खुश होता संसार आत्मसन्तुष्टि मिले सदा बरसता सबका दुलार परमात्म याद जिसके रहे होता उसका उद्धार। -श्रीगोपाल नारसन
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed