‘गणतंत्र भारत की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक व्यापकता’ पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार 26 को

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नई दिल्ली, 22 जनवरी। उत्थान फाउंडेशन द्वारका 72वें गणतंत्र दिवस पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन करेगा। वेबिनार में ‘गणतंत्र भारत की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक व्यापकता’- विषय पर चर्चा, संस्मरण और काव्य पाठ होगा।
संचालिका अरूणा घवाना और आयोजक तरूण घवाना ने बताया कि भारत से इतर 12 देशों के वक्ता इस वेबिनार की अंतरराष्ट्रीय व्यापकता को सार्थक करेंगे। इसकी मुख्य अतिथि वर्ष 2016 में ऑफिसर ऑफ द न्यूजीलैंड आर्डर ऑफ मेरिट के रूप में नियुक्त न्यूजीलैंड से डॉ पुष्पा भारद्वाज वुड हैं।
प्रसिध्द भाषाविद् और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विमलेश कांति वर्मा इसमें अतिथि वक्ता होंगे। केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा की निदेशक प्रोफेसर बीना शर्मा भी अपना वक्तव्य प्रस्तुत करेंगी।
त्रिनिदाद टोबैगो से भारतीय उच्चायोग में द्वितीय सचिव (हिंदी, शिक्षा एवं संस्कृति) के पद पर कार्यरत शिव कुमार निगम और कवियत्री रुकमिणी होल्लास भी भाग लेंगी। मॉरीशस से कला और सांस्कृतिक विरासत मंत्रालय के संस्कृति अधिकारी डॉ राकेश श्रीकिसून और फिजी से यूनीवर्सिटी ऑफ फिजी की प्राध्यापिका और हिन्दी टीचर्स एसोसिएशन फिजी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीषा रामरक्खा अपना वक्तव्य प्रस्तुत करेंगी।
नीदरलैंड से भाषाविद् प्रोफेसर मोहन कांत गौतम, यूके से ऑनलाइन पत्रिका ’लेखनी’ की संपादिका शैल अग्रवाल भी शामिल होंगी। स्वीडन से इंडो स्कैंडिक संस्था के वाइस प्रेसिडेंट सुरेश पांडेय और पोलैंड से मैटीरियल साइंस के वैज्ञानिक डॉ संतोष तिवारी जुड़ेंगे। सूरीनाम से लैला लालाराम, यूएई से कवियत्री मंजू तिवारी, यूएसए से शुभ्रा ओझा और डेनमार्क से आर्टिस्ट सविता जाखड़ भी वेबिनार में शामिल होंगी।

हिन्दी तो यूएन में आनी है

 

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