‘प्रवासी साहित्य’ विस्थापन का ‘साहित्य’
नई दिल्ली, 9 जनवरी। प्रवासी साहित्य एक विस्थापन का साहित्य है। ये उद्गार हैं, वेबिनार के अध्यक्ष प्रसिद्ध भाषाविद् डॉ विमलेशकांति वर्मा के। वेबिनार के अतिथि वक्ता त्रिनिडाड-टुबैगो में भारतीय उच्चायोग में द्वितीय सचिव (हिंदी, शिक्षा एवं संस्कृति) के पद पर कार्यरत शिव कुमार निगम फीजी से जुड़े। उन्होंने कहा कि भारतवंशियों द्वारा लिखा गया … Continue reading ‘प्रवासी साहित्य’ विस्थापन का ‘साहित्य’
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