मेष लग्न : मेष लग्न का स्वामी मंगल है। जिसका स्वाभाव ही जातक में ऊर्जा और जूनून पैदा करना है। मेष लग्न का स्वामी मंगल यदि केन्द्र में हो तो रुचक नामक योग बनाता है, जिसके कारण जातक हष्ट-पुष्ट कद-काठी वाला होता है। उनके पुलिस या सैन्य विभाग में नौकरी की संभावना हो सकती है। इस प्रकार का जातक बहुत मेहनती और अपने दम परिवार को आगे ले जाने वाले हो सकते हैं।
जातक चाहे कितने ही गरीब परिवार में पैदा हुआ हो लेकिन अपनी मेहनत के बल पर काफी तरक्की कर सकता है। दसवें घर में मंगल को दिशा बल मिलता है क्योंकि दसवें घर में मकर राशि आयेगी और मकर राशि में मंगल उच्च का हो जाता है। इसमें मंगल अगर चौथे घर में हो तो, कर्क राशि होने से मंगल नीच का हो जाता है, जिस कारण ऐसी संभावना रहती है कि उसे माता का सुख कुछ कम मिले तथा भूमि का सुख में भी कमी हो सकती है अर्थात जमीन, जायदाद में निवेश करने से घाटा होने के चांस बहुत ज्यादा हो सकते हैं।
दिनेश अग्रवाल
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