‘उपचुनाव में सभी सीटें हारे, तब क्यों नहीं दिया जयराम ने इस्तीफा’

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शिमला, 29 अप्रैल। कांग्रेस नेता एवं मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा और किशोरी लाल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर में जरा सी भी नैतिकता होती, सत्ता में रहते उपचुनाव में चारों सीटें हारने के तुरंत बाद इस्तीफ़ा दे देते। दोनों ने कहा कि जयराम ठाकुर ने सत्ता में रहते सभी चार सीटें हारने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है और तभी उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दे देना चाहिए था, लेकिन वह कुर्सी से चिपके रहे। उन्होंने कहा कि जब अक्तूबर 2021 में भाजपा ने सत्ता में रहते हुए प्रदेश में मण्डी लोकसभा सीट के साथ-साथ अर्की, जुब्बल-कोटखाई और फतेहपुर विधानसभा सीटों के उपचुनाव हारे, तो पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की नैतिकता कहां थी पूर्व मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में जमीन- आसमान का अंतर है तथा वे सत्ता के लोभ में किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं। 

मोहन लाल ब्राक्टा व किशोरी लाल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हवा-हवाई बातें करते हैं तथा उनमें नैतिकता नाम की कोई भी चीज नहीं है तथा वे हमेशा ही लोगों को गुमराह करने में लगे रहते हैं और वे सिर्फ सत्ता के लोभी हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता लाने का प्रयास जयराम ठाकुर के लोभ का नतीजा है। धनबल के माध्यम से भाजपा ने जनादेश की ख़रीद-फरोख्त करने का प्रयास किया, जिसे हिमाचल प्रदेश की जनता कभी भी स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा की जन विरोधी नीतियों के कारण ही प्रदेश के मतदाताओं ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था, लेकिन भाजपा नेता इस जनादेश को स्वीकार नहीं कर पाए। इसीलिए भाजपा ने पैसों के दम पर जनादेश को ख़रीदने का प्रयास किया है।

मोहन लाल ब्राक्टा व किशोरी लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्दर सिंह के नेतृत्व में वर्तमान कांग्रेस सरकार ने मात्र सवा साल के कार्यकाल में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। जिनका एकमात्र उद्देश्य हिमाचल प्रदेश का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है ताकि समाज के प्रत्येक वर्ग का कल्याण हो सके। आज राज्य सरकार की इसी सोच और मेहनत का लाभ आम आदमी को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के लिए प्रदेश के लोगों का हित सर्वोपरि है तथा दिन-रात प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है।

यूनिर्वसल कार्टन का स्वागत, सेब बागवानों की चिर लंबित मांग पूरी

शिमला। विधायक हरीश जनारथा एवं विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने इस सीजन से सेब की बिक्री के लिए यूनिवर्सल कार्टन व्यवस्था लागू करने के लिए प्रदेश सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। विधायकों ने कहा कि यूनिवर्सल कार्टन सेब बागवानों की चिर लंबित मांग थी जिसे वर्तमान कांग्रगेस सरकार ने पूरा किया है और सरकार के इस निर्णय से सेब बागवानों को समुचित लाभ सुनिश्चित होगा।

जनारथा तथा गौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार ने किसानों एवं बागवानों के हित में अनेक निर्णय लिए हैं ताकि उनका आर्थिक तौर पर सशक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार सेब की बिक्री किलोग्राम के आधार पर पिछले सीजन से आरम्भ कर दी गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने पिछले सीजन में सेब के समर्थन में डेढ़ रुपये की ऐतिहासिक वृद्धि कर इसे 12 रुपये प्रति किलो गया था। दोनों ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने कीटनाशकों एव उर्वरकों पर मिलने वाली सब्सिडी को भी बहाल कर प्रदेश के लाखों सेब बागवानों को बड़ी राहत दी है जिसे पिछले भाजपा सरकार के कार्यकाल में बंद कर दिया गया था।

विधायकों ने कहा कि भाजपा किसान एवं बागवान विरोधी पार्टी है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में वायदा किया था कि विदेशी सेब पर आयात शुल्क को दुगुना किया जाएगा लेकिन इसके विपरीत केन्द्र की भाजपा सरकार ने इसे घटाकर 35 प्रतिशत कर दिया जिससे प्रदेश के बागवानों के साथ कुठाराघात हुआ है। उन्होंने कहा कि विदेशी सेब के बाजार में आने से हिमाचल प्रदेश की 5 हजार करोड़ रुपये की सेब अर्थव्यवस्था संकट में आ गई है जिसके लिए केन्द्र की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि बागवानों को कोल्ड स्टोर में रखे गए सेब के भी उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। विदेशी सेब आने से आज प्रदेश के सेब बागवानों को प्रति पेटी 800 से 1200 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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