ड्रोन तकनीक एप्लीकेशन पर दो दिवसीय कॉन्कलेव 4 से

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file photo source: social media

शिमला, 1 जुलाई। डिजिटल तकनीक एवं गवर्नेंस विभाग द्वारा चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में 4 और 5 जुलाई को हिमाचल ड्रोन कॉन्कलेव आयोजित किया जाएगा। इस कॉन्कलेव में व्यापार जगत के प्रमुख, विशेषज्ञ, शिक्षाविद् तथा हितधारक शामिल होंगे, जो ड्रोन के क्षेत्र में सहयोग और ज्ञान के अदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे।
विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि यह कार्यक्रम कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन, कृषि, वन प्रबंधन, पर्यटन और अधोसंरचना विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक की प्रगति तथा उपयोग की जाने वाली एप्लीकेशन को उजागर करेगा। प्रथम सत्र की अध्यक्षता मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू करेंगे। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात प्रवक्ता हिमाचल प्रदेश में ड्रोन तकनीक के वर्तमान परिदृश्य, गवर्नेंस में ड्रोन तकनीक की भूमिका तथा इस क्षेत्र में रोजगार अवसरों पर अपने विचार व्यक्त करेंगे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव उद्योग आर.डी.नजीम, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी डॉ. अभिषेक जैन तथा अन्य प्रमुख्य प्रवक्ताओं में शामिल होंगे।
प्रथम पैनल चर्चा के दौरान युवाओं के लिए ड्रोन तकनीक क्षेत्र में रोजगार के अवसरों पर बल दिया जाएगा। द्वितीय पैनल चर्चा में कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन तथा वन संरक्षण में ड्रोन तकनीक की विभिन्न एप्लीकेशन पर प्रकाश डाला जाएगा जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों तथा संवदेनशील स्थानों की निगरानी, लक्ष्य चिन्हित करने, आपदा के दौरान खोज एवं बचाव अभियान, संकट की घड़ी में लोगों तक आवश्यक आपूर्ति तथा जानकारी पहंुचाने, वन जीवों के शिकार तथा वन संसाधनों की चोरी पर रोक लगाने पर चर्चा की जाएगी।
द्वितीय पैनल चर्चा के दौरान कृषि, बागवानी तथा वन प्रबंधन में ड्रोन के उपयोग के महत्व पर बल दिया जाएगा, जिसमें कीटनाशक छिड़काव के सुरक्षित तरीकों, परिशुद्ध खेती, फसलों की निगरानी, फसलों के नुकसान का आंकलन तथा वन आवरण एवं पौधारोपण की निगरानी शामिल होगी।
5 जुलाई को कार्यक्रम के दौरान दवाइयों, चिकित्सा उपकरणों को विभिन्न क्षेत्रों तक पहुंचाने तथा अधोसंरचना प्रबंधन और विकासात्मक परियोजनाओं में ड्रोन तकनीक की भूमिका पर चर्चा की जाएगी। सत्र के दौरान दुर्गम क्षेत्रों में समय पर चिकित्सा सेवाएं तथा आपातकालीन स्थिति में त्वरित राहत प्रदान करने, पहाड़ी क्षेत्रों में आवश्यक सामान पहुंचाने और पर्यावरण संरक्षण में ड्रोन तकनीक के योगदान पर बल दिया जाएगा। शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक पहलों में निर्माण कार्य, अधोसंरचना की निगरानी एवं विकास, रख-रखाव दलों को लाइफ फीड उपलब्ध करवाना, ड्रोन आधारित सर्वेक्षण करवाने, जल स्त्रोतों की निगरानी और दुर्गम क्षेत्रों में तेल तथा गैस पाइप लाइनों के निरीक्षण में ड्रोन के प्रकाश पर बल डाला जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह हिमाचल ड्रोन कॉन्कलेव विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक की अद्यतन प्रगति, सफलता की कहानियांे तथा प्रदेश में ड्रोन के भविष्य को प्रस्तुत करने का बेहतर मंच प्रदान करेगा।

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