- आखिर विश्वविद्यालयों में कब होगी प्रोफेसरों की भर्ती?
- विभिन्न विश्वविद्यालयों में 250 से भी अधिक पद खाली
प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा का बुरा हाल है। प्रदेश के आधे दर्जन से भी अधिक विश्वविद्यालयों में विगत डेढ़ साल से कई विषयों के सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद खाली हैं। 250 से भी अधिक पद रिक्त हैं। पिछले सत्र में भी कई विषयों के प्रोफेसर न होने के कारण छात्रों को रामभरोसे ही अपना कोर्स पूरा करना पड़ा। इस साल भी आधा सत्र बीत गया है लेकिन पदों की भरपाई नहीं हो रही है।
सूत्रों के मुताबिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने जो एक्सपर्ट के पैनल गर्वनर हाउस भेजे हैं वह अधर में ही अटक गये हैं। जबकि पहले यह होता है कि यूनिवर्सिटी की एक्सक्यूटिव कमेटी द्वारा भेजे गये पैनल को गर्वनर हाउस से तीन-चार दिन में ही अनुमोदन मिल जाता था लेकिन अब पिछले डेढ़ साल से मामला अधर में ही है।
सूत्रों के मुताबिक पहले यह तर्क दिया जा रहा था कि विश्वविद्यालयों ने एक्ट, 2018 के अनुसार संशोधन नहीं किया गया। अब विश्वविद्यालय यह संशोधन भी कर चुके हैं। सरकार भी कह रही है कि शैक्षणिक पदों को रिक्त न रखा जाएं। इसके बावजूद विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों के रिक्त पदों की भरपाई नहीं हो रही है। क्या इसमें भी कोई खेल है? माया की माया तो माया ही जाने। जानकारी के अनुसार श्रीदेव सुमन, कुमाऊं, सोबन सिंह जीना, भरसार, पंत नगर, टेक्नीकल, ओपन और दून विश्वविद्यालय में 250 से भी अधिक रिक्त हैं।
इस संबंध में जब मैंने गर्वनर सेक्रेट्री रंजीत सिन्हा से बात की तो उन्होंने कोई कंमेंट करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में यूनिवर्सिटीज से ही जानकारी लो। अब प्रोफेसरों की भर्ती की कृपा कहां अटकी है, निर्मल बाबा या धीरेंद्र शास्त्री ही बता और चमत्कार कर सकते हैं।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]