शिल्प मेलाः सीएम ने किन्नौर को दी 54 करोड़ की सौगातें

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रिकांगपिओ, 22 जून। हिमाचल प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018-19 से 2022-23 के दौरान राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए तीन हजार 619 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है। गत साढ़े वर्षोें के दौरान केवल किन्नौर जिले के लिए 350 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाएं स्वीकृत और अनुमोदित की गई हैं जो जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज किन्नौर जिले के रिकांगपिओ में राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य एवं शिल्प मेले का शुभारंभ करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने शिल्पकारों के स्टॉल का निरीक्षण भी किया और वहां प्रदर्शित उत्पादों में गहरी रूचि दिखाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र के लोग अपनी सादगी, कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने स्वर्गीय टीएस नेगी और स्वर्गीय चेतराम के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि यह दोनों नेता न केवल जनजातीय क्षेत्र के विकास मंे दिए गए उनके योगदान के लिए बल्कि उनके अनुशासन और कार्य संस्कृति के लिए भी याद किए जाते हैं। उन्होंने जनजातीय क्षेत्र के लोगों की अपनी संस्कृति और परंपराओं को सम्मान देने के लिए सराहना की।
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस जनजातीय जिले के लोग गत 16 वर्षों से एफआरए के अंतर्गत् भूमि लीज पर मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब इस प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है और आज 107 लोगों को लीज पर भूमि उपलब्ध करवाई जा रही है जिनमें से 60 मामले एफआरए के अंतर्गत् और 47 मामले नौतोड़ के हैं। इस अवसर पर उन्होंने 60 लाभार्थियों को भू-पट्टा भी प्रदान किया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है और जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को भूमि प्रदान करने में दूरगामी सिद्ध होगा।
जय राम ठाकुर ने विपक्षी नेताओं पर जनजातीय क्षेत्र के लोगों को विकास के नाम पर गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह स्वयं पहाड़ी पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं तथा जनजातीय और पहाड़ी क्षेत्र के लोगों की विकासात्मक आवश्यकताओं से भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कल्याण और विकास के लिए वह अथक प्रयास कर रहे हैं और आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक विकास का लाभ सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ विपक्षी नेता सार्वजनिक रूप से यह दावा कर रहे हैं कि सत्ता में आने पर वे वर्तमान राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं को बंद कर देंगे। उन्होंने विपक्षी नेताओं से पूछा कि क्या वे लोगों को सामाजिक सुरक्षा पंेशन व निःशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाना और सहारा, हिमकेयर और शगुन जैसी योजनाओं के लाभ प्रदान करना बंद कर देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्नेह और उदारता के सदा ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार मेें प्रदेश के हितों की हमेशा अनदेखी की है जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल का विशेष राज्य का दर्जा बहाल किया।
मुख्यमंत्री ने कटगांव में उप-तहसील खोलने, पांगी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने, प्राथमिक केंद्र स्पिलो को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने, किन्नौर में जिला पर्यटन अधिकारी का एक पद स्वीकृत करने, राजकीय महाविद्यालय रिकांगपिओ में एमए समाजशास्त्र और अंग्रेजी के पाठ्यक्रम शुरू करने तथा रिकांगपिओ में परिधि गृह निर्मित करने की घोषणा की। उन्होंने परियोजना के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भावानगर को राज्य शिक्षा विभाग के अंतर्गत् अधिकृत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कटगांव में गृहरक्षक वाहिनी का कंपनी कार्यालय खोलने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कानम मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने टूरिज्म इन हिमाचल विषय पर महाक्विज का भी उद्घाटन किया।
इससे पहले, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने किन्नौर जिले के रिकांगपिओ में पुलिस मैदान में 53.76 करोड़ रुपये लागत की 19 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए।
मुख्यमंत्री ने रिकांगपिओ में 7.25 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किसान भवन, 3.72 करोड़ रुपये लागत से निर्मित राजकीय महाविद्यालय रिकंागपिओ के अतिरिक्त भवन, 92 लाख रुपये की लागत से शारबों मेें निर्मित गृह रक्षक बैरेक्स और 1.93 करोड़ रुपये की लागत से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कानम में निर्मित संयुक्त प्रयोगशाला का लोकार्पण किया।
जय राम ठाकुर ने 1.08 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली राजकीय प्राथमिक पाठशाला नमग्या के भवन, क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ में 2.80 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले टाइप-4 आवासीय भवन, रिकांगपिओ में 2.11 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पशुपालन विभाग के टाइप-4 और टाइप-3 आवासीय भवन, 1.91 करोड़ रुपये की लागत से पंचा से पतका वाया पनवा संपर्क सड़क के मेटलिंग व टारिंग कार्य, ग्राम पंचायत पूह में 1.02 करोड़ रुपये की लागत के अप्पर रिच्चेनख से कुटुम्बटुम तक संपर्क सड़क, 2.60 करोड़ रुपये की लागत की गांव डबलिंग के लिए संपर्क सड़क, 1.45 करोड़ रुपये की लागत से चांग से टशीजोंग गांव हंगमत तक संपर्क सड़क, 1.07 करोड़ रुपये की लागत से स्कीबा से पनाह कंडा संपर्क सड़क, रिकांगपिओ के शारबो में 1.62 करोड़ रुपये की लागत के हेलीपेड, कल्पा में 3.42 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले स्मार्ट पार्क, 71 लाख रुपये की लागत केे देखभाल और फल विधायन केंद्र, 2.93 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली युला बस अड्डे से लोंगचुलदेन वाया टिगरंग बारबरंग सड़क कार्य का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने 82 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाली जानी से रमनी मोटर योग्य सड़क का भूमि पूजन, 15.56 करोड़ रुपये की लागत से किए जाने वाले करछम सांगला छितकुल सड़क के सुधार एवं विस्तार कार्य, 84 लाख रुपये से किए जाने वाले बरी बस अड्डे से सतकुटिंग तक बनने वाली जीप योग्य सड़क के कार्य का भूमि पूजन किया।
राज्य वन निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की विकासात्मक मांगों के प्रति हमेशा संवेदनशील रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय जिले किन्नौर में पिछले साढ़े चार वर्षो के दौरान अभूतपूर्व विकास हुआ है। उन्होंने क्षेत्र की विकासात्मक मांगों का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया।
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए तीन दिवसीय राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य एवं शिल्प मेले के दौरान आयोजित किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की।
पूर्व विधायक तेजवंत नेगी, जिला भाजपा अध्यक्ष संजीव, जिला परिषद अध्यक्ष निहाल चारस, प्रधान सचिव जनजातीय विकास ओंकार चंद शर्मा, किन्नौर के पुलिस अधीक्षक अशोक रंजन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

रोजगार मेले का आयोजन 24 को

 

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