- कनाडा से पीएम मोदी को लिखा पत्र, न्याय की गुहार लगाई
- सरकार ने 1970 में घोषित की थी शत्रु संपत्ति, 50 करोड़ से भी अधिक मूल्य
उत्तराखंड में सरकारी जमीनों को खुर्द-बुर्द करने का खेल बड़े पैमाने पर जारी है। दादरी और हरिद्वार में दर्ज हुए मामलों में नेता, नौकरशाह और माफिया का गठजोड़ साबित हो चुका है। भले ही ये लोग प्रभाव का इस्तेमाल कर छूट जाएं, लेकिन सच तो सब जानते हैं। अब मामला मसूरी की बेशकीमती 400 बीघा शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने का है।
कनाडा के टोरंटो निवासी मोज्जम जूह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर गुहार लगाई है कि मसूरी में बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन की चोरी हुई है। उनका दावा है कि यह जमीन उनके परिजनों की है। विभाजन के समय उनके नानाजी निसार अहमद कुरेशी कराची चले गये थे। वह मसूरी में 400 बीघा जमीन ओर बड़ा घर छोड़कर गये। जबकि उनकी मां पाकिस्तान नहीं गयी। उनके नानाजी का निधन कराची में 1958 में हुआ। भारत में छोड़ी गयी संपत्ति के बदले में उनके नानाजी को मुआवजा मिल गया था।
मोज्जम के अनुसार उनके पिता एफआरआई में थे और 1965 में रिटायर हुए। उनके मुताबिक इस संपत्ति को कस्टोडियन डिपार्टमेंट ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था। जमीन पर 70-80 के दशक में भारत सरकार की संपत्ति का बोर्ड भी लगा दिया गया था। मोज्जम का दावा है कि 2017 में जब वे देहरादून आए तो पता चला कि उनके चचेरे भाइयों वली और नवी ने सारी संपत्ति अपने नाम ट्रांसफर करा ली। उन्होंने इस संपत्ति का कुछ हिस्सा बेच भी दिया है। यह संपत्ति 50 करोड़ की बतायी गयी है। उन्होंने पीएम मोदी से इस मामले की जांच करने की अपील की है। जमीन के संबंध में दस्तावेज मेरे पास हैं।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]