तुला लग्नः तुला लग्न के लोग अपनी लग्न राशि के अर्थ (तराजू) के अनुसार ही सामंजस्य और बराबरी बना कर चलने वाले होते है। इस लग्न का तत्व वायु होता है, जो कभी-कभी अपना रोद्र रुप भी दिखाता है। इस लग्न का स्वामी शुक्र ग्रह होता है, जो इनके जीवन के निजी क्षेत्र, सामाजिक, प्रेम संबंधो आकर्षक भाव को नियंत्रित करता है। तुला लग्न में जन्मा जातक विलासी एवं एश्वर्यशाली जीवन जीने की इच्छा रखता होगा। तुला लग्न के जातक अपनी वाकपटुता के चलते एक कुशल व्यापारी भी हो सकते है।
शनि इनकी कुंडली में एक अत्याधिक योगकारक के रुप में विराजित होता है इसके फलस्वरुप शानि की महादशा या अर्न्तदशा ऐसे जातको के लिए बहुत शुभकारी होती है।
शुभ ग्रहः शुक्र लग्नेश, शनि चर्तुथेश व पंचमेश और बुध नवमेश होकर प्रबल कारक बन जाते है। इनकी प्रबल दशा में जातक ऊंचाइयां छुता है। अतः इन ग्रहो की शुभता के लिए प्रयास करना चाहिए।
अशुभ ग्रहः सूर्य एकादेश, चन्द्रमा दशमेश व गुरु तृतीयेश व षष्ठेश होकर अशुभ हो जाते है।
तटस्थ ग्रहः इस लग्न के लिए मंगल तटस्थ हो जाते है।
दिनेश अग्रवाल
(निःशुल्क कुंडली विवेचन के लिए संपर्क करें: 9911275734)
ज्योतिष विश्लेषणः अल्सर में भूलकर भी न पहने पुखराज, ये है समाधान